माणिक्य अनेकों गुणों की खान है. यह धारणकर्ता की शत्रुओं से रक्षा करता है, व्यक्तित्व को निखार व कांति प्रदान करता है व बेहतरीन शारीरिक व मानसिक स्वास्थ प्रदान करता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में इसके अनेकों गुणों की विवेचना की गई है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि जन्मकुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो माणिक्य अवश्य धारण करना चाहिये, ऐसी स्थिति में ये अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है. इसके अलावा जिन व्यक्तियों का जन्म जुलाई माह में हुआ है उनके लिए भी इस रत्न को धारण करना उपयुक्त माना जाता है.
माणिक्य धारण करने से लाभ
माणिक्य को प्रेम का रत्न भी कहा जाता है क्योकि इसे धारण करने से मन में उत्साह और उमंग बढ़ता है.यह मायूसी और उदासीनता को दूर करता है.ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह प्रेत बाधा से मुक्ति प्रदान करने वाला होता है.इस रत्न को धारण करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है.आर्थिक परेशानी की स्थिति में यह धन प्रदायक होता है.माणिक्य धारण करने वाला व्यक्ति समाज में प्रतिष्ठित होता है.मान्यताओ के अनुसार जो व्यक्ति इसे धारण करता है उसके ऊपर संकट आने पर इसका रंग फीका हो जाता है और संकट टल जाने पर पुन: इसकी आभा लौट आती है.माणिक्य के विषय में यह भी मान्यता है कि यह जहर के प्रभाव को कम करता है एवं जहरीली चीज़ पास होने पर इसक रंग फीका पड़ जाता है.