



फिरोजा
फिरोजा रत्न के फायदे 💎 💎
👉🏿फिरोजा नीला और हरा-नीला रंग का सेमीप्रीसियस स्टोन होता है। इस रत्न को ज्योतिषीय रेमिडी के तौर पर कई लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
👉🏿फ़िरोज़ा रत्न के फायदे
👉🏿ग्रहों के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए या फिर उन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए ज्योतिष शास्त्र द्वारा विभिन्न प्रकार के रत्न प्रदान किए गए हैं। यह रत्न हमारे जीवन को सुधारने और यहां तक कि कई रोगों से लड़ने में भी सहायक सिद्ध होते हैं। ज्योतिष की मानें तो यह रत्न पूर्ण रूप से वैज्ञानिक हैं और निश्चित समय में काम करना आरंभ कर देते हैं।
👉🏿फ़िरोज़ा रत्न
👉🏿ज्योतिष के रत्नों की बात करें तो नीलम, पन्ना, मूंगा, रूबी, पुखराज जैसे कई रत्न हैं जो प्रसिद्ध भी हैं लेकिन साथ ही काफी महंगे भी हैं। किंतु इनका असर काफी बेहतरीन होता है। परंतु इनके अलावा भी कई ऐसे रत्न हैं जिन्हें भले ही उपरत्न या सस्ते रत्न कहा जाता है लेकिन इनका असर काफी तेज होता है।
👉🏿गहरा नीला रत्न
👉🏿आज इन्हीं में से एक रत्न के बारे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं जिसे प्रेम संबंधों को सही बनाने के लिए जाना जाता है। यह है फिरोजा रत्न, फिरोजी रंग (जिसमें गहरा नीला, आसमानी और कई बार हरा रंग भी मिला हुआ होता है) का यह रत्न प्रेम संबंधों के संबंध में ही सबसे ज्यादा जाना जाता है। इसके अलावा इसे रोगों को काटने वाला भी बताया गया है।
👉🏿फ़िरोज़ा रत्न की खासियत
👉🏿चलिए सबसे पहले जानते हैं इस रत्न की खासियत… एस्ट्रोलॉजी के अनुसार फिरोजा रत्न धनु और मीन राशि (चंद्र राशि) वालों को जरूर पहनना चाहिए। इसके अलावा वे लोग जिनकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर हो, उन्हें भी यह रत्न धारण करना चाहिए। यह बृहस्पति ग्रह को मजबूती प्रदान करता है
👉🏿फ़िरोज़ा रत्न के लाभ : firoza ratna benefits
👉🏿इसकी दूसरी खासियत यह है कि यह प्रेम संबंधों को सुधारने के काम आता है। यदि प्रेमी-प्रेमिका के बीच परेशानी चल रही हो या पति-पत्नी में कोई अनबन हो, तो फिरोजा रत्न के प्रयोग से दो अंगूठियां बनवाएं और शुभ मुहूर्त में एक-दूसरे को पहनाएं। यह रत्न धीरे-धीरे रिश्ते सुधार देता है। इसके अलावा यदि किसी मित्र के साथ या परिवार के किसी सदस्य के साथ मतभेद चल रहे हों तो उन्हें फिरोजा रत्न किसी भी रूप में बनवाकर भेंट कर दें। रिश्ते पहले की तरह अच्छे हो जाएंगे।
👉🏿फ़िरोज़ा रत्न से बीमारी का इलाज
👉🏿फिरोजा की तीसरी खासियत यह है कि यह रत्न कई तरह के रोगों को काटने का काम करता है, विशेष रूप से दिल से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए इस रत्न का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए और गुर्दे संबंधी रोगों से भी निजात दिलाता है यह रत्न।
👉🏿इन रोगों में सहायक
👉🏿जिन्हें रक्तचाप (उच्च या कम) जैसी कोई भी दिक्कत रहती हो और उसका इलाज सफल नहीं हो रहा है, उन्हें भी ज्योतिष सलाह लेने के बाद फिरोजा रत्न धारण करना चाहिए। इसके अलावा यह रत्न बुरी नजर से भी व्यक्ति की रक्षा करता है।
👉🏿फ़िरोज़ा रत्न बेनिफिट्स
👉🏿फिरोजा रत्न को पहनने वाले के भीतर आत्म विश्वास बढ़ता है। यह रत्न उसके आसपास की बुरी ऊर्जा को दूर कर उसे सकारात्मक सोच प्रदान करता है। इतना ही नहीं, इस रत्न को पहनने वाले भूत-प्रेत जैसी बुरी शक्तियों से भी बचे रहते हैं।
👉🏿कुंडली शास्त्र : कौन कर सकता है फिरोज़ा धारण?
👉🏿अब मे आपको बताऊंगा कि यह रत्न किस-किस को अवश्य पहनना चाहिए। अगर आपको कुंडली शास्त्र की थोड़ी भी जानकारी है तो आगे बताई जा रही बातें आपके काम आएंगी। उन लोगों को फिरोजा रत्न अवश्य धारण करना चाहिए जिनका जन्म भारतीय जन्म मास के अनुसार पौष महीने में हुआ हो।
👉🏿3 राशियां
👉🏿इसके अलावा धनु, मीन और कुंभ राशि के जातक फिरोजा रत्न जरूर पहनें। जिनका जन्म अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से दिसंबर के महीने में हुआ हो उनके लिए फिरोजा रत्न पहनना लाभकारी सिद्ध होगा। विशेष तौर पर वे लोग जिनका जन्म 21 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच हुआ हो, वे भी यह रत्न जरूर पहनें।
👉🏿कुंडली दोष शांत करे
👉🏿जिनकी कुंडली में राहु या केतु का कोई भी दोष हो, उस दोष को शांत करने का रामबाण उपाय है फिरोजा रत्न। ऐसे लोग किसी अच्छे ज्योतिष की सलाह से फिरोजा अवश्य धारण करें।
👉🏿फ़िरोज़ा रत्न
👉🏿फिरोजा रत्न मार्केट में आसानी से उपलब्ध हो जाता है और इसे पंच धातु या फिर चांदी की अंगूठी में पहना जाता है। अगर आपको फिरोजा का ब्रेसलेट या लॉकेट बनवाना हो तो इससे पहले ज्योतिषी की सलाह ले लें।
👉🏿क्यों पहने फिरोजा:
👉🏿पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार फिरोजा (टरक्वाइज) धनु राशि के लोगों का बर्थ स्टोन है। वैदिक ज्योतिष में इसे गुरू का उपरत्न माना गया है और यह धनु और मीन से संबंधित है। यह गुरू के अच्छे फल जैसे मान-सम्मान, धन, अच्छी सेहत और शिक्षा देने वाला रत्न है।
👉🏿पहनने से लाभ:
👉🏿गुरू के अच्छे प्रभाव जैसे बेहतर स्वास्थ्य, सामाजिक सम्मान का बढ़ना, सफलता, आराम और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। पढ़ने-लिखने के क्षेत्र से संबंधित लोग और वकीलों के लिए यह रत्न अच्छे फल देने वाला माना जाता है। लीवर, गुर्दे और मोटापे से संबंधित रोगों से बचाव में फिरोजा बहुत फायदेमंद होता है।
👉🏿फिरोज़ा धारण करने की विधि
👉🏿फिरोज़ा रत्न एक विशिष्ट दिन पर पहना जाना चाहिए ताकि पहनने वाले के लिए वह रत्न अनुकूल हो सके। स्नान करने के बाद ही अंगूठी को धारण करना चाहिए लेकिन इससे पहले अंगूठी को कच्चे दूध व गंगाजल के मिश्रण में डुबोए रखें ताकि वह शुद्ध हो जाए। इसके बाद पूजा-अर्चना करने पर ही अंगूठी धारण करनी चाहिए। इस रत्न को आप सोने या तांबे के धातु में बनवाकर धारण कर सकती हैं।
खरीदने के दौरान ध्यान देने योग्य बातें:
👉🏿किसी भी रत्न को खरीदने से पहले उसकी शुद्धता की जांच अवश्य कर लेनी चाहिए। रत्नों को अपने जानने वाले डीलर से लें या फिर पहले उनके काम को अच्छी तरह से जांच ले फिर वहां से रत्नों की खरीदारी करें। रत्नों को अगर ज्योतिषीय रेमिडी के लिए पहनना हो तो रत्न सस्ता हो या महंगा उसकी शुद्धता के विषय में किसी अच्छी लैब का सर्टिफिकेट अवश्य देंखे |
👉🏿गुणवत्ता:
स्पष्टता, शेप और क्वालिटी इस रत्न की गुणवत्ता का पैमाना है। यह चितना चमकदार, सपाट और एक रंग का होगा उतना ही अच्छा होता है।