#मेहंदी जिसे #हिना भी कहते हैं, दक्षिण एशिया में प्रयोग किया जाने वाला शरीर को सजाने का एक साधन होता है। इसे हाथों, पैरों, बाजुओं आदि पर लगाया जाता है।९० के दशक से ये पश्चिमी देशों में भी चलन में आया है।
#मेहँदी का प्रचलन आज के इस नए युग में ही नहीं बल्कि काफी समय पहले से हो रहा है। आज भी सभी लडकिया और औरते इसे बड़े चाव से लगाती है यहाँ तक की लडकिया और औरते ही नहीं कई पुरुष भी #मेहँदी के बड़े शौकीन होते है हमारी भारतीय परंपरा में #मेहंदी का प्रचलन काफी पुराने समय से होता आ रहा है, क्योंकि #मेहंदी नारी श्रृंगार का एक अभिन्न अंग है जिसके बिना हर रीति-रिवाज अधुरा माना जाता है।
#मेहंदी ओलगाने के लिये #हिना नामक पौधे/झाड़ी की पत्तियों को सुखाकर पीसा जाता है। फिर उसका पेस्ट लगाया जाता है। कुछ घंटे लगने पर ये रच कर लाल-मैरून रंग देता है, जो लगभग सप्ताह भर चलता है।