



कत्था चूर्ण (KATHA POWDER)
#कत्थे से दूर करें बीमारियां, जानिये इसके औषधीय प्रयोग
अगर आप पान खाने के शौकीन हैं तो कत्थे के बारे में भी जरुर जानते होंगे। कत्थई रंग के दिखने वाले इस #कत्थे के बिना, पान कभी स्वाद नहीं दे सकता। पर क्या आप जानते हैं कि पान में लगाया जाने वाला #कत्था औषधीय गुणों से भरा होता है?
#कत्था, खैर के वृक्ष की लकड़ी से निकाला जाता है। आयुर्वेद के अनुसार #कत्था, ठंडा, कडुवा, तीखा व कसैला होता है। यह कुष्ठ रोग, मुख रोग, मोटापा, खांसी, चोट, घाव, रक्त पित्त आदि को दूर करता है।
मगर हां, #कत्थे का अधिक सेवन करने से नपुंसकता भी हो सकती है। इसके अलावा #कत्थे के अधिक सेवन से किड़नी स्टोन भी बनता है। इसलिये #कत्थे का चूर्ण 1 से 3 ग्राम तक ही प्रयोग करें। अब आइये जानते हैं कि #कत्था किस तहर से रूप-रंग निखार कर हमें बेहतर स्वास्थ प्रदान कर सकता है।
ध्यान रखें: सफेद #कत्था औषधि और लाल #कत्था पान में प्रयोग किया जाता है। पान में लगाया जाने वाला #कत्था बीमारियों को दूर करने के लिये पय्रोग ना करें।
मलेरिया का बुखार
मेलरिया के बुखार के लिये सफे इसके सेवन के बराबर की गोलियां बना लें। इसकी एक गोली खाएं, आपको बुखार नहीं आएगा। यह गोली बच्चों और गर्भवती स्त्रियों को ना दें।
दांतों की बीमारी
#कत्थे को मंजन में मिला कर दांतों व मसूढ़ों पर रोज सुबह शाम मलने से दांत के सारे रोग दूर होते हैं।
दांतों के कीड़े
#कत्था को सरसों के तेल में घोल कर रोजाना 3 से 3 बार मसूढ़ों पर मलें। इससे खून आना तथा बदबू आनी दूर हो जाएगी।
खट्टी डकार
300 से 700 मिली ग्राम #कत्था का सुबह शाम सेवन करने से खट्टी डकार बंद हो जाती है।
दस्त
#कत्था को पका कर प्रयोग करने से दस्त बंद होता है। साथ ही इसके प्रयोग से पाचन शक्ति भी ठीक होती है। इसका 300 से 700 मिली ग्राम की मात्रा तक प्रयोग करें।
बवासीर
सफेद #कत्था, बड़ी सुपानी और नीलाथोथा बराबर मात्रा में लें। पहले सुपारी व नीलाथोथा को आग पर भून लें और फिर इस में #कत्था को मिला कर पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को मक्खन में मिला कर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को रोज सुबह-शाम शौच के बाद 8 से 10 दिन तक मस्सों प लगाने से मस्से सूख जाते हैं।
गले की खराश
300 मिलीग्राम #कत्था का चूर्ण मुंह में रख कर चूसने से गला बैठना, आवाज रूकना, गले की खराश और छाले आदि दूर हो जाते हैं। इसका दिन में 5 से 6 बार प्रयोग करना चाहिये।
खांसी
दिन में तीन बार #कत्था, हल्दी और मिश्री 1-1 ग्राम की मात्रा में मिलाकर चूसने से खांसी दूर होती है।
कान दर्द
सफेद #कत्था को पीस कर गुनगुने पानी में मिला कर कानों में डालने से कान दर्द दूर होता है।
कुष्ठ रोग
#कत्था के काढ़े को पानी में मिलाकर प्रति दिन नहाने से कुष्ठ रोग ठीक होता है।
घाव
यदि घाव में से पस निकल रहा हो तो #कत्था को घाव पर बुरकने से पस निकलना बंद हो जाता है तथा घाव सूखने लगता है।
योनि की जलन और खुजली
5 ग्राम की मात्रा में #कत्था, विण्डग और हल्दी ले कर पानी के साथ पीस कर योनि पर लगाएं। इससे खुजली और जलन दोनों ठीक हो जाएगी।